वादी स्वर:-
राग का सबसे महत्वपूर्ण स्वर वादी स्वर कहलाता है अर्थात राग के जिस स्वर पर अन्य स्वरों की अपेक्षा अधिक ठहरा जाता है व जिसका बार-बार प्रयोग किया जाता है, वह उस राग का वादी स्वर कहलाता है
सम्वादी स्वर:-
राग का दूसरा महत्वपूर्ण स्वर सम्वादी स्वर कहलाता है, इसे वादी रुपी राजा का मंत्री भी कहा गया है
वादी स्वर के बाद राग में जिस स्वर का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है, वही सम्वादी स्वर होता है
अनुवादी स्वर:-
वादी व सम्वादी के अतिरिक्त राग में प्रयोग किये जाने वाले अन्य सभी स्वर अनुवादी स्वर कहलाते हैं